इन चीजों का करते हैं प्रयोग तो अभी से कर दें बंद, नहीं तो हो सकते हैं कैंसर के रोगी

इन चीजों का करते हैं प्रयोग तो अभी से कर दें बंद, नहीं तो हो सकते हैं कैंसर के रोगी

अम्बुज यादव

अपनी जिंदगी में हम कई प्रकार के खाद्य पदार्थों का प्रयोग करते हैं। उससे हमें स्वाद, विटामिन और एनर्जी भी मिलती हैं। वहीं कई ऐसे गैजेट्स हैं, जिसका प्रयोग करते-करते वो हमारी जिंदगी से जुड़ जाते हैं। कई बार तो ऐसा भी सुनने को मिलता है कि कई लोग ऐसे भी होते है जब तक उन्हें अपनी मनपंसद चीज खाने को न मिले या उनका गैजेट्स जो उनके एकदम करीब होता है वो उन्हे न मिले तो उनका दिन अच्छा नहीं होता। वहीं क्या आपको पता है कि जो चीजें हम खाते है या जिस गैजेट्स का हम हमेशा प्रोयग करते हैं उससे हमें किसी प्रकार का खतरा तो नहीं है? मतलब उन चीजों के प्रयोग से हमें किसी प्रकार के कैंसर का खतरा तो नहीं हैं। ऐसे में यह जानना जुरुरी है कि क्या ऐसा हो सकता है या नहीं। तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि किन चीजों के सेवन से कैंसर हो सकता है।

पढ़ें- पथरी का आयुर्वेदिक इलाज, घर बैठे बनाएं दवा और पाएं निजात

एक्स-रे-

आप जब अपने डेंटिस्ट के पास जाते हैं तो वह एक्स-रे करने से पहले आपको एक कंबल से कवर कर देता है। इसका एक मुख्य कारण यह होता है कि एक्स-रे की वजह से आपको कैंसर होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है। एक्स-रे की रेडिएशन (Radiation) की मात्रा जितनी अधिक होगी कैंसर होने का जोखिम भी उतना ही अधिक होगा। लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि रेडिएशन (Radiation) कितनी मात्रा सुरक्षित है। यही कारण है कि ईपीए (EPA) की अपनी सीमा है कि आप इसे कितनी मात्रा में ले सकते हैं।

मीट-

मीट चाहे आपको देखने में कितना भी या प्रोसेस्ड (Processed) या लाल दिखता हो लेकिन जीवन में इसकी अधिक आवश्यकता नहीं होती है। आप शायद नहीं जानते कि दिन में सिर्फ एक हॉट डॉग (Hot Dog) खाने से पेट का कैंसर होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है। लंचियन (Luncheon) मीट कोल्ड कट्स (cold cuts) और हॉट डॉग्स (Hot Dog) सभी में नाइट्राइट्स (nitrites) नामक प्रिजर्वेटिव्स मौजूद होते हैं जो पेट के कैंसर का कारण बनते हैं। साथ ही मीट को उच्च तापमान पर और धुंए में पकाने से उसमें PAHs नामक यौगिक बनता है। यह लोगों को किस तरह प्रभावित कर सकता है इसका पता लगाने के लिए कई स्टडीज चल रही हैं।

आर्टिफिशियल स्वीटनर्स-

सारी बातचीत और चेन ईमेल के बावजूद इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ये शुगर लेवल आपके कैंसर का खतरा बढ़ा देते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि सैकरीन (Saccharine) की वजह से चूहों को कैंसर होता है। लेकिन चूहों की तुलना में हमारे शरीर की प्रतिक्रिया अलग होती है। सन् 2000 के बाद से इस पर कैंसर की चैतावनी का लेबल भी हटा दिया गया है। एसपारटेम (Aspartame) के अध्ययन के बाद लोगों में इसका कोई लिंक देखने को नहीं मिला है।

प्लास्टिक के प्रोडक्ट-

हम जिस बोतल में पानी को भरकर रखते हैं यदि वह बोतल क्लीयर प्लास्टिक की है तो इसमें बिस्फेनॉल ए (बीपीए) हो सकता है। यह कैमिकल फूड और ड्रिंक कंटेनर्स, डेंटल सीलेंट (Dental Sealants) और कई अन्य प्रोडक्ट को बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। क्या इससे कैंसर होता है? FDA के मुताबिक वर्तमान समय में BPA का जो स्तर खाद्य पदार्थों में पाया जाता है वह पूरी तरह सुरक्षित है। यदि आप इसको लेकर चिंतित हैं तो डिब्बों में पैक खाना खाने से बचें। साथ ही क्लीयर प्लास्टिक में जमा ड्रिंक्स का सेवन न करें। भोजन को गर्म करने के लिए क्लीयर प्लास्टिक के बजाए स्टील व कांच के बर्तनों का इस्तेमाल करें।

मोबाईल फोन-

आप अपने मोबाईल फोन को हमेशा अपने पास रखते हैं लेकिन यह गैजेट जिसे आप हमेशा अपने करीब रखते हैं माइक्रोवेव ओवन की तरह गर्म हो जाता है। हालांकि अब तक यह कैंसर से जुड़ा नहीं है इसके लिए अधिक शोध की आवश्यकता है। लेकिन फिर भी सुरक्षित रहने के लिए जब आपके पास कोई लैंडलाईन मौजूद न हो तो उस समय छोटी-मोटी बातें करने के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करें। हैंड-फ्री डिवाइस का इस्तेमाल करें।

इसे भी पढ़ें-

इस मशीन से एक सप्ताह तक शरीर के बाहर भी लिवर रहेगा जिंदा

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।